सो रहा था एक रोज लंड ,
रख के टटटों पर अपना सर ,
की पास से हुआ चूत का गुज़र
लंड ने देखा उसे उठा कर सर ,
रख के टटटों पर अपना सर ,
की पास से हुआ चूत का गुज़र
लंड ने देखा उसे उठा कर सर ,
लंड ने पुछा जा रही है किधर ?
अगर वक़्त हो तो जरा आना इधर
चूत ने कहा अजी मुझे माफ़ कीजिये
पहले जो कुछ मुह से टपक रहा है.
वोह तो साफ़ कीजिये
लुंड ने जो यह सुना तो वोह गया बिगड़
फिर जो कुछ ना होना था वोह हो गया उधर
जब जो कुछ ना होना था वोह गया हो
लंड ने रखा टटटों पर अपना सर