ऐसा लंड मिल सके जो चूत को छील दे

ऐसा लंड मिल सके
जो चूत को छील दे
आग इतनी भड़क उठे
कि चूत बस पिघल सके
लंड का भी येही हश्र
पानी पानी चूत हो
चूत रस लंड रस
रस का दरिया
बह सके |