पता ही नहीं चला

सीने पे आपके सर रखा था कि गिनूंगी धड़कने
कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला
संगीत धडकनों का कुछ यूँ जेहन पे छ गया
कब हुई सुबह कब शाम सियाही हुई, पता ही नहीं चला.

आपकी बाँहों के घेरे, धीरे धीरे कुछ कुछ तंग होने लगे
हम कब सिमटते से चले गए, सच कुछ पता नहीं चला
आपके लबों ने मेरे थरथराते जिस्म को कब कब कहाँ कहाँ छुआ
एक सिहरन से दौड़ती रही, कब रुके आप पता ही नहीं चला

कब आपके खानाबदोश हाथों और थिरकती अँगुलियों ने
मुझे बेपर्द किया, मदहोशी में पता ही नहीं चला
कब छा गए मेरे जिस्म पर कायनात बन कर
कब बरस गए बादलों सा मेरी कोख में. पता ही नहीं चला

कुछ अजीब तन बदन में तैरने सा लगा
मन में कोई बादल सावन सा बरसने लगा
लग रहा था आज कुछ तो खास है
इतने में 'जन्मदिन मुबारक' मेरे कानो में गूंजने लगा.

इतने धीरे से कुछ गुनगुनाते हुए आपने जब ये कहा
मैं कहाँ खो गयी, किन ख्यालों में डूबी कि पता ही नहीं चला
संगीत एक नया मन और प्राणों में बजने लगा
चुदने को आप से मन कब पागल हुआ, पता ही नहीं चला

उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ,

मेरे उरोजों पे रेंगते तेरे होंठ, मुझे मदहोश किये जाते हैं
कुछ करो हम तेरे आगोश में बिन पिए बहक से जाते हैं

मेरी चूत लाजवाब है

कविताओं से भी अधिक मेरी चूत लाजवाब है
  जिसमे बसंत लेता है अंगडाई रस का झरना बहता बेताब है
हर मौसम जगता है, जादू जगाता है  
जब भी कोई मस्ताना लंड इसे बेमुरव्वत चोद जाता है |

चूत को ,निहाल कर गया


हमारी चूत को ,निहाल कर गया

दबे पाँव आया,हौले से चूमा बेकरार कर गया |
सुरमई बगिया में,हरियाली छा जाती बहार  मचलती,
लाली उफन आती जो चुम्बन के साथ साथ,
जीभ डाल कर चोद जाते चूत की गहराई से,
रस की गागर पी आते |इस बार जब आओ,

कुछ वक्त ठहर जाना चूमना, चूसना, चुभलाना

मेरी चूत के सुस्वाद रस को जी भर के पी जाना |

चूसूंगी चुदवाउंगी निचोड़ूगी फडवाउन्गी

लंड तेरा बलवान है
माना बड़ा पहलवान है
पर ऐसी क्या कमजोरी है
जो सिर्फ एक रात का मेहमान है |

सारी रात की चुदाई में
क्या इतना थक जाएगा
अगले दिन से फिर कभी
खड़ा भी नहीं हो पाएगा |

माफ करें लौंडे से ऐसी भी दुश्मन नहीं
कि एक रात में कर दूं उसकी खाट खड़ी
चूसूंगी चुदवाउंगी निचोड़ूगी फडवाउन्गी
मेरी जान अगली सुबह जगाकर फिर से चोदने लायक बनाउंगी |

मिल जाए लंड दिलदार |

चूत चुदासी चुलबुली चुदने को तैयार

खड़े लंड की आस में टपके रस की धार

टपके रस की धार लम्बा मोटा प्यासा

जन्मो को मिल जाए लंड दिलदार |

tera bap phi gandu nikla

कल तुझे चोद कर जब मैं घर जाने लगा ।
तेरा बाप भी मुझे देख के गांड खुजाने लगा ।
तेरे बाप का मन मेरे लंड पर फिसला।
तू तो थी ही रँडी तेरा बाप भी गांडू निकला ॥ 

लंड तुम खड़े रहो ,चूत में पड़े रहो
लंड जब प्रचंड हो , चुत खंड खंड हो
लंड तुम खड़े चलो , लंड तुम बढे चलो
सामने दरार हो ,गंड का पहाड़ हो
लंड तुम रुको नहीं, लंड तुम झुको नही
चूत चरमरा उठे , झांट कसमसा उठे
अग्नि से धधक धधक , चूत में सरक सरक
जब तक चूत फटे नहीं , तब तक लंड हटे नहीं
चूत को तू फाड दे , उसके अंदर झाड दे
लंड तुम महान हो, सर्व शक्तिमान हो
जय जय लंड  , जय जय लंड 

hilate achche nahi lagite

फूल  मुरझाते  अच्छे  नहीं  लगते ,
आप  लुंड  खुजाते  अच्छे  नहीं  लगते ,
कोई  तो  पटलो  लड़की   अब  मेरी  जान ,
रोज़  रोज़  बाथरूम  में  हिलाते  अच्छे  नहीं  लगते 

चूत है लंड की महारानी और और लंड महाराजा
टुकुर टुकुर क्या देख रही , आ जा चूत की प्यास बुझा जा

jitna dalo utna hasti thi

चोदत चोदत जग मुआ , चोदू भया ना कोय ,
सांडे के तेल से मालिश करो , लंड चोदू तुरत होय 

दूर गाँव में बस्ती थी ,जहाँ की रंडियाँ सस्ती थीं ,
उनकी गांड में इतनी मस्ती थी , जितना डालो हंसती थी

आंखे उनकी नशीली है, चेहरा उनका निराला है
चुची उनकी नुलिकी है लगता है की जैसे भाला है 

इसे  चुसेगा  तो  केले  का  मज़ा  आएगा
गांड  फट  जायेगी  जब  लंड  खड़ा  देखेगा . 

gand phi shetal hoy

ऐसी लड़की चोदिए 
लंड की आपा खोय।
चूत को शीतल करे
गांड भी शीतल होय॥


लन्ड पुछा चुची से, क्यों हो आज उदास!
बोली चुची, प्यारे ! न्याय की मुझे नही अब आस!!

मुझे नही अब आस, बडा हो रहा घोटाला,

तुने भ्रष्टाचार मेरे साथ कर डाला!

खोल के अपने रूप को, मै तुझे रिझाती,

साली चूत तुझे झट चट कर जाती!!

 

mal to salvar me hai

तीर क्यों चलाती हो
धार तो तलवार में है
धुपटे से क्या छुपाती हो
माल तो सलवार में है 


लड़का और लड़की दोनों लफंगे
एक पलंग पे दोनों नंगे
लड़की को लगी ठण्ड
लड़के ने निकला लंड
जमकर हुयी चुदायी
सर्दी की मिलकर दूर भगाई 

 

पेंट से अरमान उभरने लगे

उनकी  महफ़िल  से  उठे  तो , ऐतराज  करने  लगे ,
जो  हम  पल्टे  तो , कंधे  पे  हाथ  धरने  लगे ,
उन्हें  क्या  मालूम , हाल  क्या  हो  चूका  था  हमारा ,
टोइलेट  का  रुख  कर  लिया  हमने ,
क्यूंकि  पेंट  से  अरमान  उभरने  लगे

ब्रा पहनाने वाली लड़की बच्ची नहीं होती

फूली  हुई  रोटी  कबी  कच्ची  नहीं  होती ,
अनसु  बहाने  वाली  हर  लड़की  सच्ची  नहीं  होती
जो  भी  मिले  थोक  दे  मेरे  दोस्त ,
क्यूंकि  ब्रा  पहनाने  वाली  लड़की  बच्ची  नहीं  होती

खड़े लुंड का दिमाग नहीं होता

अगर  हो  मर्ज़ी  से  सेक्स  तो  पाप  नहीं  होता ,
अगर  हो  कुंवारी  से  सेक्स  तो  उसका  जवाब  नहीं  होता ,
पर  दोस्त  बिना  कंडोम  के  कभी  मत  चोदना ,
क्यूंकि  खड़े  लुंड  का  दिमाग  नहीं  होता

वही दुल्हन पिया मन भाये

दुल्हन  वही  जो  रोज़  करवाए ,
ब्रा  उतर  कर  बूब्स  दबवाए ,
पोपट  को  देख  पेटीकोट  उठाये ,
अन्दर  जाए  तो वन्स  मोर  चिल्लाये ,
वही  दुल्हन  पिया  मन  भाये

बोली मादरचोद ,चोद दिया बिना निरोध .

नारद  को  आ  गया   कन्या  पे  क्रोध ,
उसने  लेना  चाह  कन्या  से  प्रतिशोध  ,
और  उसने  दिया  कन्या  को  पकड़  के  चोद ,
कन्या  ने  किया  नारद  का  बड़ा  विरोध ,
बोली  मादरचोद , चोद  दिया  बिना  निरोध
.

चूत से निकली औलाद कभी वापिस नही आती .

माछी  और  लडकी  खुद  पकड़  कर  खानी  चाहिए .
लड़की  चाहे  जितनी  भी  लम्बी  हो  लंड  हमेशा  लेट  कर  ही  लेगी .
लोहे  पर  हथोडा  और  छुट  पर  लोडा   तभी  मरो  जब  वो  गर्म  हो .
किस्मत  की  करनी , छुट  की  गर्मी  और  लंड  की  बेशर्मी  कभी  नही  रूकती .
सेक्स  करते  वक़्त  एहतियात  बरतो  क्योकि
बन्दूक  से  निकला  फौलाद  और  चूत  से  निकली  औलाद  कभी  वापिस  नही  आती .

टटटों पर अपना सर

सो  रहा  था  एक  रोज  लंड  ,
रख  
के   टटटों   पर  अपना  सर ,
की  पास  से  हुआ  चूत  का  गुज़र
लंड  ने  देखा  उसे  उठा  कर  सर ,

लंड  ने  पुछा  जा  रही  है  किधर ?
अगर  वक़्त  हो  तो  जरा  आना इधर
चूत  ने  कहा  अजी  मुझे  माफ़  कीजिये
पहले  जो  कुछ  मुह  से  टपक  रहा  है.
वोह  तो  साफ़  कीजिये 

लुंड  ने  जो  यह  सुना  तो  वोह  गया  बिगड़
फिर  जो  कुछ  ना  होना  था  वोह  हो  गया  उधर
जब  जो  कुछ  ना होना  था  वोह  गया  हो
लंड  ने  रखा टटटों  पर    अपना  सर

वो आ ही जाएगी

रूठी   है  वो  थोडा  सा  इंतज़ार  करूँगा  तो  आ  ही  जाएगी ,
जिद्दी  है  वो  थोडा  सा  मनाऊगा   तो  वो  मान  ही  जाएगी ,
मन  की  बहुत  दुःख  देती  है  वो , पर  आखिर  आ  ही  जाएगी ,
 तकलीफ  होगी   कुछ  पल , पर  फिर  चैन  की  साँस  आ  ही  जाएगी
कितना  इंतज़ार  किया  मेने  उसका , अब  तो  शायद  आ  ही  जाएगी
हाथ  जोड़  के  बहुत  दुआ  की , अब  तो  दुआ  कबूल  हो  ही  जाएगी ,
 आ  ही  गयी  आखिर  वो  और  मेरे  दिल  को  ठण्ड  पहुंचा  ही  गयी ,
 दोस्तों  गर्लफ्रेंड  न  समझ  लेना  उसे , पोट्टी  मुझे  आ  ही  गयी .

कच्छी को उतरवा रखा है

 मेरे प्यारे दोस्त के लिए:-
कमरा  फूलो  की  खुशबू  से  महका  रखा  है
हर  देश  की  मस्त  सी  रंडी  को  बुला  रखा  है ,
न  जाने  किसकी  चूत  पसंद  आ  जाये  मेरे  यार  को
इसलिए  हर  लड़की  की  कच्छी  को  उतरवा  रखा  है

चोदुमल की शायरी

उस्ताद  चोदुमल  खान  साब  जी  ने  कुंवारे  लडको  को  सलाह  देते  हुए  एक  शेर  अर्ज़  किया  है .
लम्हा  लम्हा  वक़्त  यूँ  इंतज़ार  में  गुजर  जायेगा
सात  फेरो  के  साथ  कोई  एक  दिन  तुमसे  बंद  जाएगा
अभी  भी  वक़्त  है  किसी  बंदी  को  पकड़  के  चोद  लो
क्या  पता  है  कौन  चुदा  हुआ  तुम्हारे  गले 
पड़  जायेगा
 

लंड कसूरवार नहीं होता

हर रात को बलात्कार नहीं होता ,
हर खड़े लंड से चमत्कार नहीं होता ,
चुद जाती हैं लडकियां अपनी ही गलतियों से दोस्तों ,
हर बार हमारा ही लंड कसूरवार नहीं होता