मेरी चूत लाजवाब है

कविताओं से भी अधिक मेरी चूत लाजवाब है
  जिसमे बसंत लेता है अंगडाई रस का झरना बहता बेताब है
हर मौसम जगता है, जादू जगाता है  
जब भी कोई मस्ताना लंड इसे बेमुरव्वत चोद जाता है |